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दिल्ली:बलबन का मकबरा

जैसा मैंने अपनी पिछली पोस्ट में लिखा था कि आज के दिन (17 जून 2018) मैंने कुछ समय दिल्ली के मेहरौली इलाके के पुराने स्थलों में घूमने की ठानी थी तो भूल-भुलैय्या अथवा आधम खान-माहम अनगा का मकबरा देखने के बाद अब मेरा मन बलबन का मकबरा देखने का था.मेहरौली इलाके में गुड़गांव/वसन्त कुंज से कुतुब मीनार की तरफ जाने वाली सड़क पर जो परिसर अहिंसा स्थल के सामने बाँएं हाथ पर पड़ता है उसमें कहीं बलबन का मकबरा है ऐसा मेरे फोन का जीपीएस सिस्टम बता रहा था.मैंने कार से दो बार चक्कर लगाया,जहाँ जीपीएस के अनुसार बलबन का मकबरा था वहाँ बाँएं हाथ पर रेलिंग/चारदीवारी ही नजर आती थी,समझ में ही नहीं आया कि क्या किया जाए..फिर मैंने एक बार और गाड़ी को आगे से वापिस घुमाया और इस बार जीपीएस जहाँ बताता था उसके काफी पहले बाँएं हाथ पर एक गेट था,उसमें कार अंदर मोड़ दी.अंदर दो चौकीदार बैठे थे,मैंने उनसे मकबरे के विषय में पूछा तो उन्होंने अंदर ही आगे जाने का इशारा कर दिया और मैं गाड़ी को अंदर ले गया.थोड़ा आगे चलकर सड़क दाहिनी तरफ घूमी और फिर थोड़ा और चलने पर दाहिनी तरफ तो कुछ खंडहर से दिखे लेकिन बायीं तरफ साफ सुथरी जगह के अंदर एक बड़ी स

दिल्ली की भूल भुलैया;आधम खान का मकबरा

कल यानी कि 17 जून 2018 को दिल्ली में मेरे पास दिन में 2-3 घंटे का समय खाली था.मैं वसन्त कुंज से अकबर रोड जाने के लिए निकला कि अचानक मन हुआ कि इन 2-3 घंटों का कुछ सदुपयोग कर लिया जाए और मैंने अपनी कार कुतब मीनार के परिसर की तरफ मोड़ दी.मेरी काफी समय से इच्छा थी कि यहाँ बनी पुरानी ऐतिहासिक इमारतों और उनके खंडहरों को देखा जाए.इन कुछ घंटों में वास्तव में कहा जाए तो मैं कई सदियों की यात्रा कर आया.सबका जिक्र एक-एक करके करूँगा लेकिन सबसे पहले मैं उस जगह पहुँच गया जिसके विषय में मालूम ही नहीं था.हुआ ये कि कुतुब मीनार पर तो बहुत भीड़ थी और लंबी लाइनें थीं और मेरा भीड़ में जाने का कोई इरादा नहीं था.गाड़ी में भी मैं बिल्कुल अकेला था और वो भी बिना ड्राइवर तो मैं गाड़ी घुमाते हुए दो बार एक इमारत के सामने से निकला.उसको देख कर मेरे अंदर का इतिहास का विद्यार्थी जग गया और मैंने वहाँ के ट्रैफिक जाम में फंसे हुए धीरे से रेंगते हुए,एक ऑटो वाले से पूछा कि भैया ये कौन सी इमारत है तो उसने बहुत झल्लाते हुए कहा भूल भुलैया है ये.मैं जरा चौंक गया क्योंकि दिल्ली में भूल भुलैया मैंने सुनी नहीं थी.खैर भीड़ में से कार घुम