मेरी इलाहाबाद-प्रयागराज यात्रा; मई 2022 ---(3)...
मेरी इलाहाबाद-प्रयागराज यात्रा; मई 2022 ---(3)... अपनी इस बार के इलाहाबाद यात्रा की सबसे बड़ी विशेषता थी कि इस यात्रा का कोई फिक्स्ड एजेंडा नहीं था;मुख्य उद्देश्य था पत्नी,बेटा,बेटी और पुत्रवधू के साथ इलाहाबाद में अपनी बड़ी मौसी के साथ समय बिताना,छोटी मौसी और अन्य मित्रों परिचितों आदि से मिलना और अपने परिवारीजनों का उस इलाहाबाद से परिचय कराना जिस शहर से हमारा और हमारे परिवार का लगभग डेढ़ शताब्दी से अनवरत,निरन्तर और अटूट रिश्ता रहा है। अपने परिवार और इलाहाबाद का रिश्ता तो मैं बताता ही रहा हूँ पर आज थोड़ी सी अपनी बात,संक्षेप में… 1971 में मेरे मम्मी पापा ने मुझको इलाहाबाद में मेरे मौसाजी और बड़ी मौसी के पास छोड़ा कि वो इलाहाबाद में किसी अच्छे बोर्डिंग स्कूल में मेरा दाखिला करवा दें।मौसाजी की एक शिष्या रही थीं कान्ता भार्गव जी वो सर्किट हाउस के पास एक स्कूल था, 8-हेस्टिंग्स रोड पर,टण्डन जी के बंगले में जिसका नाम था भारत भारती (सावास) विद्यालय, उसकी हॉस्टल की वार्डन और एक प्रकार से स्कूल की सर्वे-सर्वा थीं।मौसाजी ने उस स्कूल में मेरा दाखिला कक्षा 6 में करवा दिया और मैं 8वीं क्लास तक वहाँ पढ़ा।कक