गन्धक की बावली,मेहरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क,दिल्ली
Gandhak ki Baaki,Mehrauli Archeological Park.Delhi. गन्धक की बावली,महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क,दिल्ली जैसा मैं पहले लिख चुका हूँ मैं राजों की बावली से होकर पैदल ही और आगे बढ़ा.उस जंगलनुमा इलाके में कुछ पत्थर इधर उधर बिखरे हुए थे और आगे चलने पर बाएं हाथ पर एक मकबरा था जो बलुआ पत्थर का बना हुआ है.मैंने थोड़ा प्रयास किया किन्तु मुझको किसी से यह पता नहीं चल पाया कि वह मकबरा वास्तव में किसका था… खैर मैं महरौली पार्क के उसी हिस्से से और आगे बढ़ा तो दाहिने हाथ पर एक थोड़ी ऊंची सी दीवार थी जिस पर कुछ नौजवान बैठे थे और सम्भवतः चरस-गांजा नुमा किसी नशे का सेवन कर रहे थे.मेरे पूछने पर उन्होंने गन्धक की बावली के लिए बाएं हाथ से जाने का रास्ता इंगित किया.मैं उस दिशा में थोड़ा और आगे बढ़ा तो अचानक वहाँ के दृश्य को देख कर भौचक्का रह गया.ऐसा लगा कि किसी कूड़ाघर में आ गया हूँ,वहाँ न जाने कितनी गन्दगी और कूड़ा पड़ा हुआ था और कई सुअर भी उस इलाके में घूम रहे थे.इस दशा को देख कर मन बहुत क्षुब्ध हुआ.आगे चल कर वहाँ कुछ लोगों के अस्थायी-स्थायी मकान या झौपड़-पट्टी नुमा आशियाने भी बने दिखे.वहाँ से आगे बाएं हाथ पर एक छोट