मेरी कविता: "मेरा दिल है कि मानता नहीं"
https://youtu.be/O4TymLwqp80 My poetry recitation during the 126th birth anniversary celebration of Padmabhushan Pt.Banarsidas Chaturvedi on 24th december 2018 at Chauban Dharmshala, Firozabad. सब कहते हैं कि अब तो ईमानदारी,समझदारी, देश और देश भक्ति का बोलबाला है, जो कुछ हो रहा है और जो भी कर रहा है, सब देश और सिर्फ देश के लिए, खिलाड़ी सिर्फ देश के लिए खेलते हैं, न लोभ ना लालच पैसे का, न नाम की भूख न विज्ञापन की चाह, न सलेक्शन में सैटिंग की जरूरत, न मैच फिक्सिंग का प्रयास, सब कहते हैं कि वो तो सारे काम बस ऐसे ही हो जाते हैं, लेकिन मेरा दिल है ना जो, वो मानता नहीं, यद्यपि आप कह सकते हैं कि ये कुछ जानता नहीं।। अधिकारी हैं जो, वो सिर्फ जनसेवा के लिए काम करते हैं, न लोभ ना लालच पैसे का, न नाम और रिश्वत की भूख न समाचारों में नेताओं की भांति फोटो छपाने की चाह, न ट्रांसफर,पोस्टिंग को नेता के पैर छूना, न टेंडर में कमीशन खाना, सब कहते हैं कि, वो तो सारे काम बस ऐसे ही हो जाते हैं…. लेकिन मेरा दिल है ना जो, वो मानता नहीं, यद्यपि आप कह सकते हैं कि ये कुछ जानता नहीं।। और जो