बंगाल में चुनावी रोड शो और हिंसा
ये पोस्ट पूरे तौर पर राजनैतिक है और इसका देश की राजनीति से पूरा ताल्लुक है. शाम से कई चैनल बंगाल से जुड़ी आज की खबरे चला रहे हैं और तथ्यों को अपनी भावना और सुविधानुसार प्रस्तुत कर रहे हैं और हाँ एकाध बड़े चैनल ऐसे भी हैं कि वो इस खबर को महत्व ही नहीं दे रहे हैं. पहले घटनाक्रम:- खबर है कि बंगाल की मुख्यमंत्री दीदी को चुनौती देकर भाजपा अध्यक्ष आज कोलकाता में अपना रोड शो निकाल रहे थे. रोड शो निकलता जाता है और रास्ते में झगड़ा-फसाद-पथराव-आगजनी के दृश्य टीवी चैनल पर दिखते हैं.एक चैनल पर सुना कुछ लोगों ने ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ कर इलाके को तहस नहस कर दिया.जाने किस किस के सिरों से खून बहता दिखा.स्वाभाविक है कि भाजपा और टीएमसी दोनों ही इस अराजकता का दोष दूसरे दल को दे रहे हैं. अब इसका अर्थ:- भारत में अंग्रेजों के समय में सती प्रथा के विरुद्ध राजा राममोहन रॉय का आंदोलन रहा हो या विद्वता का क्षेत्र रहा हो;स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआती धारा का बहाव हो या गीतांजलि पर रबिन्द्र नाथ टैगोर को नोबल पुरस्कार मिलना रहा हो,ईश्वर चंद विद्यासागर हों या वोमेश चंद बैनर्जी,रामकृष्ण परम हंस हों