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Showing posts from October, 2017

देवउठान एकादशी और महिला सम्मान

आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी पर्व में हम सभी के लिए एक विशेष संदेश भी है। हमारे देश और हमारी संस्कृति में महिला का स्थान और सम्मान सदैव सर्वोच्च में माना गया है।कहा भी गया है कि, “यत्र नार्यस्तु पूज्यते,रमन्ते तत्र देवता।” हमारी संस्कृति में सदैव से प्रेम और विवाह के संबंधों में स्त्री की मर्जी सर्वोपरि थी और इसका उदाहरण रामायण काल,महाभारत काल और पृथ्वीराज संयोगिता वाले स्वयंवरों की कथाएं हैं। यदि कभी भी किसी ने स्त्री की इच्छा विरुद्ध अमर्यादित  आचरण का प्रयास किया तो उसको दंड भी मिला है जिसके उदाहरण देवराज इंद्र (गौतम ऋषि-अहिल्या की कथा),कीचक, बाली और रावण के भी हैं। आज देवोत्थान अथवा देव उठान एकादशी के दिन तुलसी विवाह का उत्सव होता है।ये भी उपरोक्त का ही एक बहुत ही सबल उदाहरण है।इस कथा में  दानव जालंधर का हनन करने हेतु देवों के आग्रहवश स्वयं भगवान विष्णु ने वृंदा से छल किया और छल की बात खुलने पर वृंदा से श्राप ग्रसित हो पत्थर बने और फिर श्राप मुक्त भी वृंदा द्वारा किये गए और फिर वृंदा सती हुयीं तो इस गलत घटना का अफसोस पूरे समाज को हुआ।उसके प्रायश

Sindbad Travels-18 सिंदबाद ट्रैवल्स-18

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Sindbad Travels-18 England-6 London day-4 & 5 सिंदबाद ट्रेवल्स-18 इंग्लैंड -6   लंदन 4था और 5वां दिन सुबह फिर जल्दी से उठ कर तैयार हो गया।आप जब किसी ऐसी जगह रुके हों जहाँ बाथरूम और टॉयलेट कॉमन हों तो जल्दी उठ कर तैयार होना हमेशा फायदेमंद रहता है और मैं तो यूथ हॉस्टल में रुका हुआ था ही।सुबह सुबह मठरी और शकरपाड़े खा कर मैं यूथ हॉस्टल से निकल पड़ा।बाहर मौसम ठंडा ही था इसलिए ट्यूब के स्टेशन पर जाकर सबसे पहले गरमा-गरम चाय पी और फिर ट्रेन पकड़ कर मैं पहुँच गया मिस्टर एडवर्ड के बताए पते पर। द्वार पर लगी घंटी बजने पर एक 35-40 वर्ष की अंग्रेज़ महिला ने दरवाजा खोला और पूछा कि क्या आप मिस्टर चतुर्वेदी हैं?मेरे हामी भरने पर वो मुझको अंदर एक अच्छे से कमरे में ले गईं और मुझको वहाँ बैठने को कहा।लगभग 10 मिनट के इंतज़ार के बाद एक लगभग 50 वर्ष के जँचते हुए व्यक्तित्व के अंग्रेज़ ने आकर मुस्कुराते हुए मुझसे हाथ मिलाया और बताया कि वो ही मिस्टर एडवर्ड हैं जिनसे मुझको मिलना था।हम लोगों में परिचय हुआ।उन्होंने मुझसे मेरे कार्य,व्यापार और अब तक की यात्रा के विषय में पूछा।उन्होंने मुझसे पूछा कि अभी तक इंग्लै

Sindbad Travels-17 सिंदबाद ट्रेवल्स-17

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Sindbad Travels-17 England-5, London day-3 Buckingham Palace,Hyde Park,Kensington Palace,Oxford Street etc. सिंदबाद ट्रैवेल्स-17 इंग्लैंड-5,लंदन 3सरा दिन बकिंघम पैलेस,हाइड पार्क,केंसिंग्टन पैलेस,ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट आदि मैडम तुसादस म्यूज़ियम से चल कर अब मैं ग्रीनपार्क ट्यूब स्टेशन से निकल कर इंग्लैंड की राजशाही के शाही निवास बकिंघम पैलेस की तरफ पैदल ही बढ़ चला था।मुश्किल से 10 मिनट में पैदल चलते हुए मैं बकिंघम पैलेस के मुख्य गेट के सामने था। बकिंघम पैलेस ईस्वी सन 1703 में Duke of Buckingham के लिए बनवाया गया था।ये लंदन के City of Westminster में स्थित है।सन 1837 में महारानी विक्टोरिया के राज्यारोहण के साल में ये लंदन में इंग्लैंड के शासक का पूरे तौर से सरकारी निवास बन गया और तबसे ये इंग्लैंड के शासकों का सरकारी आवास बना हुआ है।द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुई बमबारी में इसको भी कुछ नुकसान पहुँचा था।वर्तमान में ये लंदन में रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय यानी कि यूनाइटेड किंगडम के शासक का निवास और प्रशासनिक मुख्यालय है।बकिंघम पैलेस एक अत्यंत विशालकाय महल है और आधुनिक काल के उन गिने चुने महलों मे