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Showing posts from February, 2018

श्रीदेवी की मृत्यु की चर्चा:-क्या हम एक संवेदनाहीन समाज बन गए हैं???

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श्रीदेवी की मृत्यु की चर्चा:-क्या हम एक संवेदनाहीन समाज बन गए हैं??? कल से सारे देश में प्रख्यात अदाकारा श्रीदेवी की असामयिक मृत्यु की चर्चा हो रही है।कल सारे संचार माध्यमों और सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्मों पर श्री देवी की मृत्यु पर लोग अफसोस प्रकट कर रहे थे और अपने अपने तरीके से श्रद्वांजलि भी प्रस्तुत कर रहे थे और इस से लग रहा था कि सारा देश एक प्रसिद्ध हस्ती की इस तरह अचानक मृत्यु से चौंक सा गया और बहुत दुःखी है।ये उस अभिनेत्री के प्रति सम्मान प्रकट करने के साथ ही हमारे देश की जनता कितनी भावुक और भावनात्मक है इस बात का भी परिचायक था। लेकिन आज सुबह से फ़िज़ा कुछ बदली बदली सी लगी।सारे टीवी चैनल,सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर श्री देवी की मृत्यु क्यों और कैसे हुई इसकी चर्चा शुरू हो गयी थी।कुछ लोग इसका कारण दिल का दौरा पड़ना बता रहे थे तो कुछ लोग श्री देवी को 54 साल की उम्र में भी उम्र से काफी कम दिखें इसके लिए उनके द्वारा निरन्तर किये जा रहे प्रयास और ली जा रही दवाइयों को बता रहे थे।दोपहर होते होते चर्चा शुरू हो गयी कि उन्होंने कई किस्म की कॉस्मेटिक सर्जरी करवाई थीं वो और पतल

महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' के जन्मदिवस पर स्मरण

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आज हिंदी ही नहीं सभी भाषाओं के वाक् एवं अर्थ सभी के अनुसार सार्वकालिक महानतम कवियों में प्रमुख स्थान रखने वाले महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी का अंग्रेजी तिथि के अनुसार जन्मदिन है।सरस्वतीपुत्र सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (जन्म २१ फरवरी १८९६- देहांत १५ अक्टूबर १९६१) का जन्म बंगाल की रियासत महिषादल (जिला मेदिनीपुर) में हुआ था। निराला जी के जीवन का उत्तरार्ध इलाहाबाद में बीता और वहीं उन्होंने अपना शरीर भी त्यागा।निराला जी का संपूर्ण जीवन संघर्षमय रहा और हालात ऐसे भी हुए कि कुछ समय तक इलाज के लिए उनको राँची के मानसिक रुग्णालय में भी रहना पड़ा था।निराला जी ने हिंदी साहित्य और विशेष तौर पर कविता में बहुत से नवीन प्रयोग किये और उनकी छंद-मुक्त कविताओं ने तो साहित्य में नए प्रतिमान स्थापित किये। वस्तुतः निराला जी की कविताएं सिर्फ कविता न होकर उनका खुद का और उन जैसे न जाने कितने स्वाभिमानी भारतीयों का जीवन संघर्ष हैं।जब उन्होंने अपनी पुत्री सरोज, जो कि विवाह होने के कुछ समय बाद ही कम उम्र में ही काल के ग्रास में समा गई थी,की स्मृति में जो कविता लिखी है उसको पढ़ कर कौन ऐसा पत्थर द

Sindbad Travels-24 France-3 Paris 1st day

Sindbad Travels-24 France-Paris 1st day Arc de Triomphe सिंदबाद ट्रेवल्स-24 फ्रांस-पेरिस दिन-1 आर्क दे ट्रॉइम्फ Avenue de Champ Elysees से जैसे ही आगे बढ़े तो क्षण भर को तो ऐसा लगा कि हम पेरिस में न होकर दिल्ली आ गए हैं क्योंकि मेरे सामने जो इमारत थी वो इंडिया गेट जैसी दिखी।दरअसल यह इमारत पेरिस की प्रमुख पहचानों में से एक  Arc de Triomphe थी।मैंने हिरान से कहा कि इस इमारत और हमारी दिल्ली के इंडिया गेट में देखने में बहुत कुछ साम्य प्रतीत होता है।उसके बताने पर मालूम हुआ कि जैसे इंडिया गेट विश्व युद्ध में शहीद सैनिकों के सम्मान हेतु बनाया गया था और उनके नाम इस पर उत्कीर्ण हैं उसी भाँति Arc de Triumphe है। ऑस्ट्रिटज़ की विजय के पश्चात ईस्वी सन 1806 में अपनी सफलता के शिखर पर आसीन सम्राट नेपोलियन ने इसको कमीशन किया/बनवाना शुरू किया था और 29 जुलाई 1836 को इसका उद्घाटन हुआ, हाँलांकि नेपोलियन की तब तक मृत्यु हो चुकी थी।बाद में सन 1840 में सम्राट नेपोलियन के पार्थिव शरीर के अवशेष  सेंट हेलेना द्वीप से लाकर invalides में दफनाने को ले जाते समय इसी इमारत के बीच से ले जाए गए थे।यह भव्य इमारत उन