इतिहास के पन्नों से:- कानपुर के 1925 का कांग्रेस अधिवेशन का जिक्र बाबा की डायरी से

इतिहास के पन्नों से:-
कल कुछ पुराने कागज देख रहा था।उनमें हमारे बाबा स्व0 सुशील चंद्र चतुर्वेदी जी की 1925 की डायरी में कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन,जिसमें उन्होंने भाग लिया था उसकी चर्चा देखी।बाबा लिखते हैं अद्भुत नजारा था,मेले जैसा आयोजन था,अलग-अलग न जाने कितने पंडाल लगे हुए थे।गांधी जी, लाला लाजपत राय, पंडित मदन मोहन मालवीय, डॉ0मुंजी, स्वर कोकिला सरोजिनी नायडू, केलकर जी आदि लोग भी उन पंडालों में मौजूद थे।उस दिन गांधी जी का मौन व्रत का दिन था। पंडालों में बिछे गद्दे 1916 से फर्क थे।बाबा लिखते हैं कि उस आयोजन में विभिन्न बाज़ार भी लगे हुए थे।न जाने कितने यानी असंख्य लोग थे। यह वृहद आयोजन और इतनी बड़ी संख्या में लोगों की सहभागिता बताती थी कि कांग्रेस आंदोलन और विचार अब बहुत बड़ा रूप ले चुका था।बाबा आदि लोग कानपुर की प्रताप प्रेस में रुके थे।बाबा आदि को स्टेशन पर रिसीव करने दादाजी पंडित बनारसी दास चतुर्वेदी आये थे जो गांधी जी और इस आयोजन से जुड़े सक्रिय और महत्वपूर्ण लोगों में थे।

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